BA Semester-2 Psychology - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर समूह
लोगों की राय

बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान

बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2721
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरब प्रश्नोत्तर

प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र के उपयोग बताइये।

उत्तर -

सामान्य संभावना वक्र के उपयोग

सामान्य संभावना वक्र का महत्व व्यावहारिक विज्ञानों में बहुत है। मूल्यांकन तथा मापन के क्षेत्र में भी इसका व्यापक महत्व है। चिन्ता, बुद्धि, स्मृति जैसे चरों को इसके द्वारा प्रदर्शित करते हैं। इसकी सहायता से निम्नलिखित समस्याओं का समाधान कर सकते हैं -

1. दी गयी सीमाओं के मध्य प्राप्तांकों का प्रतिशत ज्ञात करना (To find out the Percentage of cases with in given limits) :

उदाहरण 1- एक सामान्य अंक वितरण में प्राप्तांकों का मध्यमान 60 तथा प्रमाणिक विचलन 3.6 है। गणना के आधार पर बताइये कि कितने प्रतिशत विद्यार्थियों ने 55 से 65 के मध्य प्राप्तांक प्राप्त किये।

हल - सबसे पहले सिगमा दूरी निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात करेंगे। इसे Z - Scores भी कहते हैं -

          X - M              x
Z = -------------- = --------
              σ                 σ

                                         X - M
प्राप्तांक 55 की σ दूरी. = -------------------------
                                             σ

     55-60           - 5
= ------------ = ------ = -1.39σ
      3.6              σ  

                                                   X - M
प्राप्तांक 65 की σ दूरी. = -------------------------
                                                      σ

     65-60            5
= ------------ = ------ =  1.39 σ
      3.6              σ  

अब 55 से 65 तक प्राप्तांक पाने वालों का प्रतिशत ज्ञात करने के लिए यह ज्ञात करना है कि -1.39σ से +1.39σ के मध्य कितने केस आयेंगे। इसके लिए NPC तालिका (जो अंत मे दी गई) देखनी पडेगी।

M +1.39σ = 41.77 केस, M –1.39σ = 41.77 केस

अत: M-1.39σ तथा M + 1.39σ के मध्य कुल केसेज की संख्या 41.77 + 41.77% = 83.54 होगी जिसे चित्र में दिखाया गया है।

2. सामान्य वितरण में विभिन्न प्रतिशतों के मध्य के प्राप्तांकों की सीमाएँ ज्ञात करना (To Find the Limits of Score between Certain Percentage of Normal Distribution) :

उदाहरण 2 - एक सामान्य वितरण में मध्यमान 60 है तथा प्रामाणिक विचलन 6 है। गणना के आधार पर बताइये कि वितरण के मध्य 50% विद्यार्थियों की न्यूनतम तथा उच्चतम सीमायें क्या होंगी? हल - सामान्य वितरण में 50% विद्यार्थियों से आशय है कि वितरण के मध्यमान के एक ओर 25% तथा दूसरी ओर 25% विद्यार्थी हैं। अब NPC तालिका में देखेंगे कि 25% छात्र मध्यमान से कितनी दूरी पर उपस्थित हैं। 25% अर्थात 2500 या इसके लगभग का अंक ढतर तालिका में देखेंगे। 2500 तो नहीं पर इसके निकट का अंक 2486 है। 2486 NPC तालिका में ० दूरी बायीं ओर 0.6 तथा ऊपर 0.01 है। दूरी का सूत्र निम्नलिखित है-

       X - M         X - M
Z = --------- = -----------
          σ              SD

 

2721_77_A

जब इस सूत्र से x का मूल्य ज्ञात करते हैं तो यह सूत्र इस प्रकार से होता है।

X = M + SD x Z

उदाहरण में N का मान 60 तथा SD 6 है तथा Z का मान उपर्युक्त वर्णन के अनुसार 67 है। इन मूल्यों को सूत्र में रखने पर y का मान धनात्मक दिशा में निम्न होगा-

X = M + SD x Z = 60 + 6 x 6.7

= 60 + 3.35 = 63.35 = 63

ऋणात्मक दिशा में मान होगा

X = M + SD x (-Z)

= 60 + 5 x(−.67)

= 60 - 3.35

= 56.65 = 57

प्राप्तांकों की निम्नतम सीमा 57 तथा उच्चतम सीमा 60 है। इसे चित्र में दिखाया गया है।

2721_77_B

वितरण के मध्य 50% विद्यार्थी की निम्नतम सीमा 57 तथा अधिकतम सीमा 63 है।

3. दो अतिव्यापी वितरणों की तुलना करना (To Compare the hard Distributions in Terms of Overlapping):

उदाहरण - 3 एक बुद्धि परीक्षण में सातवीं कक्षा का मध्यमान 28.00 और SD = 3.6 है और आठवीं कक्षा का मध्यमान 32:60 तथा SD 3.2 है।

(1) गणना के आधार पर बताइये कि सातवीं कक्षा के कितने प्रतिशत छात्र आठवीं कक्षा मध्यमान से ऊपर हैं।

(2) गणना के आधार पर बताइये कि आठवीं कक्षा के कितने प्रतिशत छात्र सातवीं कक्षा के मध्यमान से नीचे होंगे।

हल - इस प्रकार के प्रश्नों में M तथा SD को Z प्राप्तांक में परिवर्तित करने के लिए निम्न उपाय करेंगे। आठवीं कक्षा के ऊपर पूछा गया है इस कारण X के रूप में आठवीं कक्षा का मध्यमान आयेगा। सातवीं कक्षा के मध्यमान को नीचे पूछा गया है इसलिए X का मान सातवीं कक्षा का मध्यमान आयेगा।

          X - M  
Z = -------------
             σ    

     32.60 - 28          4.6
= ---------------- = ---------- = 1.28
         3.6                  3.6

σ या Z = 1.28, 39.97 %

 

              X - M         28-32.60         3.7
2.  Z= ------------- = ------------- = --------
                  σ                  3.2            3.2

 

या Z = - 1.160 = 37.70

 

1. सातवीं कक्षा के 10% (50 39.97 = 10.03) छात्र आठवीं कक्षा के मध्यमान से ऊपर हैं।

2. आठवीं कक्षा के 12% (50 - 37.70 = 12.30) छात्र सातवीं कक्षा के मध्यमान से नीचे है। इसे चित्र द्वारा प्रदर्शित किया गया है।

2721_78

 

4. परीक्षण के प्रश्नों के कठिनाई स्तर को ज्ञात करना (To Find out the Difficulty Level of the Items) : परीक्षणों के प्रश्नों का कठिनाई स्तर जानने के लिए आवश्यक है कि परीक्षणों के प्रश्नों का सम्बन्ध ज्ञात हो। प्रत्येक प्रश्न को कितने % छात्रों ने हल किया? प्रश्न को सही हल करने वाले छात्रों का प्रतिशत जैसे-जैसे घटता है प्रश्न का कठिनाई स्तर उसी प्रतिशत में बढ़ता जाता है।

उदाहरण 4. एक परीक्षण में A, B, C, D पदों को परीक्षार्थियों ने क्रमशः 30%, 40%, 45%, 50% हल किया। गणना के आधार पर प्रश्नों का कठिनाई स्तर ज्ञात करें। प्रश्न एक-दूसरे से कितने कठिन हैं तथा उनके मध्य जो कठिनाई का अंतर है उसकी तुलना करें।

हल - यह पहले ही से ज्ञात है कि सामान्य वितरण के मध्यमान के दोनों तरफ 50-50 केसेज होते हैं। यह भी बता चुके हैं कि सामान्य संभावना वक्र में प्रश्नों के कठिनाई स्तर की व्याख्या सिगमा दूरी के आधार पर करते हैं।

प्रश्नों का कठिनाई स्तर

2721_79_a

 

कठिनाई स्तर की तालिका देखने से ज्ञात होता है कि मध्यमान में सिगमा दूरी सबसे अधिक प्रश्न A की, फिर उससे कम B प्रश्न की, फिर उससे कम C प्रश्न की तथा D प्रश्न की मध्यमान से 0 सिगमा दूरी है। अतः कह सकते हैं कि प्रश्न A सबसे कठिन प्रश्न B A से कम कठिन तथा प्रश्न C प्रश्न A और प्रश्न B से कम कठिन है। D सबसे कम कठिन है।

1. A प्रश्न B प्रश्न से (.84σ - .52σ = .32σ) 0.32σ अधिक कठिन है।
2. A प्रश्न C प्रश्न से (.84σ - .25σ = .59σ) 0.59σ अधिक कठिन है।
3. A प्रश्न D प्रश्न से (.84σ - 0.0σ = .84σ) 0.84σ अधिक कठिन है।

2721_79_b

4. B प्रश्न C प्रश्न से ( .52σ - 0.25σ = .27σ) 0.27σ अधिक कठिन है।

5. B प्रश्न D प्रश्न से ( 52σ - 0.0σ = .52σ) 0.52σ अधिक कठिन है।
6. C प्रश्न D प्रश्न से ( .25σ- 0.0σ = .25σ) 0.25σ अधिक कठिन है।

 

5. सामान्य संभावना के आधार पर एक अंक वितरण को विभिन्न उपसमूहों में विभाजित करना (To Divide a given Group in to Supgroup on the Assumptions of Normal Probability):

उदाहरण - 5 एक शिक्षाशास्त्र की परीक्षा के आधार पर 200 छात्रों को A, B, C तीन भागों में, विभाजित करना है। प्रत्येक वर्ग में छात्रों की संख्या ज्ञात करें।

हल - सामान्य वितरण में प्राप्तांकों का अधिकांश विस्तार M से धनात्मक दिशा में 30 तथा ऋणात्मक दिशा में - 30 तक अर्थात् कुल 60 है। (60 के अन्तर्गत 99.73 केसेज ही आते हैं) प्रत्येक भाग की आपस की दूरी 60 / 3=26 होगी। प्रत्येक भागों को चित्र में दर्शाया गया है।

 

NPC तालिका के अनुसार उपर्युक्त वितरण में A वर्ग में 50-10 या 50% - 34.13% = 15.87% छात्र होंगे। NPC तालिका के अन्तर्गत 34.13 केस होते हैं अतः B वर्ग में 34.13% + 34.13% = 69.26% छात्र आयेंगे ( वर्ग में छात्रों का प्रतिशत A वर्ग के समान होगा)

2721_79_c

 

6. Z प्राप्तांकों तथा T प्राप्तांकों की गणना (Calculations of Z-Scores and T Scores) -

 

उदाहरण 6 - एक परीक्षा में राम को 70 अंक मिले तथा मोहन को 60 अंक मिले। प्राप्तांकों के वितरण का मध्यमान 40 तथा SD 6 है तो राम और मोहन के अंकों का Z प्राप्तांक ज्ञात कीजिये। इन्हें T प्राप्तांक में भी बदलिये।

हल - Z प्राप्तांक का निम्न सूत्र है -

        X - M         x
Z = ----------- = ----
            σ             σ

                                    70 - 40             30
राम का Z प्राप्तांक = --------------- = ---------- = 5σ
                                        6                    6

                                    X-M             60-40               20
मोहन का Z प्राप्तांक = --------- = ----------------- = -------- = 3.33σ
                                       σ                     6                  6

 

Z - प्राप्तांकों में दशमलव का चिन्ह समाप्त कर देने के लिये Z - scores को T - scores में परिवर्तित कर देते हैं।

T = 10 (Z) + 50

राम का T प्राप्तांक = 10(5)+50 = 50+50 = 100

मोहन का T प्राप्तांक = 10(3.33)+50 = 33.30+50

            = 83.30 = 83

T प्राप्तांक हमेशा पूर्ण संख्या में तथा धनात्मक होते हैं। T पैमाने का विस्तार 0 से 100 तक होता है।

...पीछे | आगे....

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  2. प्रश्न- मापनी से आपका क्या तात्पर्य है? मापनी की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिये।
  3. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिये।
  4. प्रश्न- मापन का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए इसकी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।'
  5. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन को स्पष्ट करते हुए मापन के गुणों का उल्लेख कीजिए तथा मनोवैज्ञानिक मापन एवं भौतिक मापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- मापन की जीवन में नितान्त आवश्यकता है, इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  8. प्रश्न- मापन के महत्व पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में कैसे परिभाषित कर सकते है? स्पष्ट कीजिए।
  12. प्रश्न- प्रायोगिक विधि को परिभाषित कीजिए तथा इसके सोपानों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अवलोकन किसे कहते हैं? अवलोकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा अवलोकन पद्धति की विशेषताएँ बताइए।
  15. प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  16. प्रश्न- चरों के प्रकार तथा चरों के रूपों का आपस में सम्बन्ध बताते हुए चरों के नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
  17. प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।
  18. प्रश्न- जनसंख्या की परिभाषा दीजिए। इसके प्रकारों का विवेचन कीजिए।
  19. प्रश्न- वैज्ञानिक प्रतिदर्श की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  20. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  21. प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
  22. प्रश्न- अवलोकन का महत्व बताइए।
  23. प्रश्न- पक्षपात पूर्ण प्रतिदर्श क्या है? इसके क्या कारण होते हैं?
  24. प्रश्न- प्रतिदर्श या प्रतिचयन के उद्देश्य बताइये।
  25. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  26. उत्तरमाला
  27. प्रश्न- वर्णनात्मक सांख्यिकीय से आप क्या समझते हैं? इस विधि का व्यवहारिक जीवन में क्या महत्व है? समझाइए।
  28. प्रश्न- मध्यमान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों तथा उपयोग की विवेचना कीजिये।
  29. प्रश्न- मध्यांक की परिभाषा दीजिये। इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
  30. प्रश्न- बहुलांक से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोष तथा उपयोग की विवेचना करें।
  31. प्रश्न- चतुर्थांक विचलन से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों की व्याख्या करें।
  32. प्रश्न- मानक विचलन से आप क्या समझते है? मानक विचलन की गणना के सोपान बताइए।
  33. प्रश्न- रेखाचित्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उसके महत्व, सीमाएँ एवं विशेषताओं का भी उल्लेख कीजिए।
  34. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज के अर्थ को स्पष्ट करते हुए रेखाचित्र की सहायता से इसके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- संचयी प्रतिशत वक्र या तोरण किसे कहते हैं? इससे क्या लाभ है? उदाहरण की सहायता से इसकी पद रचना समझाइए।
  36. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप से क्या समझते हैं?
  37. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के उद्देश्य बताइए।
  38. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  39. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  40. प्रश्न- विचलनशीलता का अर्थ बताइए।
  41. प्रश्न- प्रसार से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- प्रसरण से आप क्या समझते हैं?
  43. प्रश्न- विचलन गुणांक की संक्षिप्त व्याख्या करें।
  44. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज और स्तम्भाकृति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- तोरण वक्र और संचयी आवृत्ति वक्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  46. प्रश्न- स्तम्भाकृति (Histogram) और स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) किसे कहते हैं?
  48. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यांक की गणना कीजिए।
  49. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के बहुलांक की गणना कीजिए।
  50. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यमान की गणना कीजिए।
  51. प्रश्न- निम्न आँकड़ों से माध्यिका ज्ञात कीजिए :
  52. प्रश्न- निम्नलिखित आँकड़ों का मध्यमान ज्ञात कीजिए :
  53. प्रश्न- अग्रलिखित आँकड़ों से मध्यमान ज्ञात कीजिए।
  54. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  55. उत्तरमाला
  56. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र से क्या समझते हैं? इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- कुकुदता से आप क्या समझते हैं? यह वैषम्य से कैसे भिन्न है?
  58. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र के उपयोग बताइये।
  59. प्रश्न- एक प्रसामान्य वितरण का मध्यमान 16 है तथा मानक विचलन 4 है। यह बताइये कि मध्य 75% केसेज किन सीमाओं के मध्य होंगे?
  60. प्रश्न- किसी वितरण से सम्बन्धित सूचनायें निम्नलिखित हैं :-माध्य = 11.35, प्रमाप विचलन = 3.03, N = 120 । वितरण में प्रसामान्यता की कल्पना करते हुए बताइये कि प्रप्तांक 9 तथा 17 के बीच कितने प्रतिशत केसेज पड़ते हैं?-
  61. प्रश्न- 'टी' परीक्षण क्या है? इसका प्रयोग हम क्यों करते हैं?
  62. प्रश्न- निम्नलिखित समूहों के आँकड़ों से टी-टेस्ट की गणना कीजिए और बताइये कि परिणाम अमान्य परिकल्पना का खण्डन करते हैं या नहीं -
  63. प्रश्न- सामान्य संभाव्यता वक्र की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- एक वितरण का मध्यमान 40 तथा SD 3.42 है। गणना के आधार पर बताइये कि 42 से 46 प्राप्तांक वाले विद्यार्थी कितने प्रतिशत होंगे?
  65. प्रश्न- प्रायिकता के प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  66. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  67. उत्तरमाला
  68. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  70. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक गणना की प्रोडक्ट मोमेन्ट विधियों का वर्णन कीजिए। कल्पित मध्यमान विधि का उदाहरण देकर वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- उदाहरण की सहायता से वास्तविक मध्यमान विधि की व्याख्या कीजिए।
  72. प्रश्न- काई वर्ग परीक्षण किसे कहते हैं?
  73. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
  74. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  75. प्रश्न- जब ED2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
  76. प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
  77. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  78. उत्तरमाला
  79. प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? परीक्षण की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- परीक्षण रचना के सामान्य सिद्धान्तों, विशेषताओं तथा चरणों का वर्णन कीजिये।
  81. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता से आप क्या समझते हैं? विश्वसनीयता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  82. प्रश्न- किसी परीक्षण की वैधता से आप क्या समझते हैं? वैधता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  83. प्रश्न- पद विश्लेषण से आप क्या समझते हैं? पद विश्लेषण के क्या उद्देश्य हैं? इसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  84. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता किन रूपों में मापी जाती है? विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
  85. प्रश्न- "किसी कसौटी के साथ परीक्षण का सहसम्बन्ध ही वैधता है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  86. प्रश्न- मानकीकरण से आप क्या समझते हैं? इनकी क्या विशेषतायें हैं? मानकीकरण की प्रक्रिया विधि की विवेचना कीजिये।
  87. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में अन्तर बताइए।
  88. प्रश्न- परीक्षण फलांकों (Test Scores) की व्याख्या से क्या तात्पर्य है?
  89. प्रश्न- परीक्षण के प्रकार बताइये।
  90. प्रश्न- पद विश्लेषण की समस्याएँ बताइये।
  91. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  92. उत्तरमाला
  93. प्रश्न- बुद्धि के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बुद्धि के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  94. प्रश्न- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  95. प्रश्न- वेक्सलर बुद्धि मापनी का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- वेक्सलर द्वारा निर्मित बच्चों की बुद्धि मापने के लिए किन-किन मापनियों का निर्माण किया गया है? व्याख्या कीजिए।
  97. प्रश्न- कैटेल द्वारा प्रतिपादित सांस्कृतिक मुक्त परीक्षण की व्याख्या कीजिए।
  98. प्रश्न- आयु- मापदण्ड (Age Scale) एवं बिन्दु - मापदण्ड (Point Scale) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  99. प्रश्न- बुद्धि लब्धि को कैसे ज्ञात किया जाता है?
  100. प्रश्न- बुद्धि और अभिक्षमता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  101. प्रश्न- वेक्सलर मापनियों के नैदानिक उपयोग की व्याख्या कीजिए।
  102. प्रश्न- वेक्सलर मापनी की मूल्यांकित व्याख्या कीजिए।
  103. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  104. उत्तरमाला
  105. प्रश्न- व्यक्तिगत आविष्कारिका क्या है? कैटेल द्वारा प्रतिपादित सोलह ( 16 P. F) व्यक्तित्व-कारक प्रश्नावली व्यक्तित्व मापन में किस प्रकार सहायक है?
  106. प्रश्न- प्रक्षेपण विधियाँ क्या हैं? यह किस प्रकार व्यक्तित्व माप में सहायक हैं?
  107. प्रश्न- प्रेक्षणात्मक विधियाँ (Observational methods) किसे कहते हैं?
  108. प्रश्न- व्यक्तित्व मापन में किन-किन विधियों का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है?
  109. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  110. उत्तरमाला

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book